Benefits Of Vajrasana: वज्रासन योग (Vajrasana) करने का तरीका और फायदे

Benefits Of Vajrasana Yoga

Vajrasana Ke Labh in Hindi | Vajarasana Ke Fayde | वज्रासन के फायदे

Benefits Of Vajrasana Yoga
Benefits Of Vajrasana Yoga

Know The Health Benefits Of Vajrasana Yoga For Heart Health And Other | Diseases And Know How To Do Vajrasana Yoga? वज्रासन योग (Vajrasana) करने का तरीका और फायदे क्या हैं ? 

वज्रासन क्या है – What is Vajrasana 

वज्रासन ही एक ऐसा आसन है, जिसे भोजन या नाश्ता करने के उपरांत तुरंत भी किया जा सकता है। स्वास्थ्य के लिए वज्रासन अभ्यास अति लाभदायक होता है। वज्रासन हर उम्र का व्यक्ति सरलता से कर सकता है।

वज्रासन आसन को अंग्रेज़ी में “डायमंड पोज़” कहा जाता है। यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हम सभी अपने दैनिक जीवन में योग के महत्व को जानते हैं। योग हमारे तन और मन को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाता है। सबसे अच्छे और आसान योगासन में से एक है वज्रासन। इसे थंडरबोल्ट पोज़ और डायमंड पोज़ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि वज्र का अर्थ है थंडर और डायमंड, और आसन का अर्थ है पोज़

यह आसन दिन में किसी भी समय किया जा सकता है। वज्र का अर्थ कठोर/ मजबूत / प्रबल ऐसा होता है। शरीर में रक्त प्रवाह दुरुस्त करने और पाचनशक्ति (Digestive System) बढ़ाने के लिए वज्रासन एक उत्तम आसन बताया गया है।

प्रतिदिन वज्रासन करने से जांघें और घुटनें मज़बूत बनते हैं। वज्रासन करने से कमर के निचले हिस्से से पैर तक के सारे स्नायुओं को कसरत मिलती है। तथा अधिक मात्रा में भोजन कर लेने के बाद होने वाली बेचैनी वज्रासन करने से दूर हो जाती है।

वज्रासन योग कैसे करें ? How to do Vajrasana Yoga?

वज्रासन

1) घुटनो पर बैठो I

2) दोनों पैरों के अंगूठे मिले हुए लेकिन एड़ियों में अंतर रहे I

3) पुट्ठों को एड़ियों के बीच में जो खाली जगह हुई है, उसी में रखो I जाँघे मिली हुई I

4) हाथों को जंघाओं पर सुविधा से रखो I मेरुदंड सीधा, सिर और गर्दन सीधी, पेट अंदर की और खिंचा हुआ I

5) आँखों मूँद करके मनसे, दी हुई किर्याओं का पालन कीजिये I

6) मन में विचार उठने पर अपने आपको बार-बार शांत होने का निर्देश दीजिए I

वज्रासन योग के लाभ (वज्रासन के फायदे – Benefits of Vajrasana in Hindi)

पेट से जुड़ी सबसे आम समस्या कब्ज की होती है जिससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। जबकि वज्रासन योग का अभ्यास करने से पाचन क्रिया को दुरुस्त करके कब्ज की समस्या से राहत पाई जा सकती है। 3 से 4 दिन तक लगातार अभ्यास करने के बाद आप इससे होने वाले फायदे को खुद ही महसूस करने लगेंगे।

हृदय रोग कि कई कारण हो सकते हैं जो हमारे खान-पान की आदत पर भी निर्भर करता है। कुछ मेडिकल कंडीशन में ब्लड प्रेशर का उतार-चढ़ाव की हृदय रोग का कारण माना जाता है।

जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस बात की पुष्टि की गई है कि वज्रासन योग का अभ्यास करने के कारण ब्लड सर्कुलेशन का फ्लो सामान्य बना रहता है और हृदय रोग का खतरा भी कई गुना तक कम हो जाता है।

वज्रासन करने से शरीर का वज़न कम (Weight Loss) करने मेँ सहायता मिलती है। जांघों की चर्बी घट जाती है। नितंब और जांघों का आकार सुडौल और सुंदर बनता है। पेट और कमर से भी अधिक चर्बी (Fat) कम हो जाती है। और पेट का भारी-पन दूर होता है।

वज्रासन करने से पेट के मध्यभाग पर और आंतों पर हल्का दबाव पड़ता है, इसलिए यह आसान पेट के सभी रोगों से मुक्ति पानें के लिए उपयोगी होता है। इस आसन से कब्ज़, गेस, खट्टी डकार, अपचा आदि समस्याएं दूर होती है।

वज्रासन करने से पूरे शरीर मेँ रक्त प्रवाह बेहतर तरीके से होने लगता है। और वज्रासन के नित्य अभ्यास से Sciatica जैसे भयानक रोग से भी मुक्ति मिलती है।

वज्रासन से उच्च रक्तचाप (High Blood pressure) की समस्या दूर हो जाती है। पैरों की मासपेशियाँ शसक्त बनती हैं। और वज्रासन के दौरान सामान्य गति से लंबी गहरी सांसें लेने से फेफड़ों को भी लाभ होता है।

अधिक चरबी और पेट की गैस की वजह से अगर किसी व्यक्ति की तौंद (Bally) बाहर निकल आई हों, तो ऐसे व्यक्ति के नित्य वज्रासन करने से कुछ ही दिनों मेँ पेट अंदर होने लगता है। इस आसन के प्रयोग से एक सप्ताह मेँ एक इंच तक पेट कम हो सकता है।

एकाग्रता (Concentration) शक्ति बढ़ाने के लिए और मन की चंचलता दूर करने के लिए वज्रासन उपयोगी होता है। इस आसन को करने से मानसिक तनाव भी दूर होता है।

कभी कभी पसंदीदा भोजन अधिक मात्रा मेँ खा लेनें की वजह से हृदय के नीचे और पेट के ऊपर दबाव महसूस होता है, इस समस्या को दूर करने के लिए तीन से पाँच मिनट वज्रासन पर बैठना चाहिए।

वज्रासन करने से शरीर की मांसपेशीयां लचीली बनती हैं। और शरीर का मेटाबोलिज़म (Metabolism) दुरुस्त रहता है। वज्रासन करने से Lower Back Pain की समस्या दूर ही जाती है।

कई लोग ऐसे भी हैं जो सिटिंग जॉब से जुड़े होते हैं। ऐसे लोग आठ से 10 घंटे तक बैठकर काम करते हैं और इससे पेट के बाहर निकलने का खतरा बढ़ जाता है। जबकि वज्रासन योग को खाना खाने के बाद अगर सुबह और शाम किया जाए तो इससे पेट के बाहर निकलने की समस्या से बचे रहने में मदद मिल सकती है।

वज्रासन का समय | What is Right Time for Vajrasan 

वज्रासन Vajrasana सुबह मेँ खाली पेट भी किया जा सकता है और भोजन के बाद भी किया जा सकता है। शुरुआत मेँ वज्रासन तीन से पाँच मिनट तक करना चाहिए।

वज्रासन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां 

  • हर्निया से पीड़ित या आंतों के अल्सर वाले लोगों को वज्रासन का अभ्यास करने से पहले चिकित्सकीय सलाह और मार्गदर्शन लेना चाहिए।
  • घुटनों में गठिया है तो वज्रासन का अभ्यास न करें।
  • घुटने की चोट वाले लोगों को वज्रासन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को अपने घुटनों को अलग रखना चाहिए और अपने पेट पर दबाव नहीं डालना चाहिए।

आशा है कि वज्रासन योग के स्वास्थ्य लाभ की जानकारी आपके लिए मददगार रही होगी। अगर आपको यह पसंद है, तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ फेसबुक और सोशल मीडिया पर साझा करें। योग और मेडिटेशन से जुड़ी और जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट को फॉलो करें।

पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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