एनजीटी ने यूपी में अवैध तरीके से भूजल दोहन को लेकर पेप्सिको और कोका-कोला पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया
कोका कोला और पेप्सिको पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है. दरअसल, NGT ने यूपी में स्थित कंपनी के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट्स में अवैध तरीके से जमीन से पानी निकालने के मामले में ये जुर्माना लगाया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने हाल ही में बड़ा फैसला लेते हुए कोका कोला और पेप्सिको पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. NGT ने यूपी में स्थित कंपनी के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट्स में अवैध तरीके से जमीन से पानी निकालने के मामले में ये जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने कहा कि पेप्सिको और कोका-कोला कंपनियां केंद्रीय भूजल प्राधिकार के आदेशों का उल्लंघन करते हुए भूजल का दोहन कर रही थीं। यहां तक कि उन्होंने पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी नहीं भरा और न ही भूजल के रिचार्ज करने के लिए कोई कदम उठाया।
प्लांट भूजल निकालने के लिए NOC के बिना काम कर रहे थे.
एनजीटी ने मून बेवरेजेज के ग्रेटर नोएडा स्थित कंपनी पर 1 करोड़ 85 लाख रुपये, मून बेवरेजेज के साहिबाबाद स्थित कंपनी पर 13 करोड़ 24 लाख रुपये और वरुण बेवरेजेज के साहिबाबाद स्थित कंपनी पर 9 करोड़ 71 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
NGT ने पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 25 करोड़ का जुर्माना लगाया है. NGT ने फैसला सुनाया कि कंपनियों के बॉटलिंग प्लांट CGWA (केंद्रीय भूजल प्राधिकरण) के पर्यावरण कानून का उल्लंघन कर रहे थे क्योंकि वे भूजल निकालने के लिए आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना काम करते थे।
ट्रिब्यूनल ने केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय, जलशक्ति मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय भूजल अधिकरण, उत्तर प्रदेश भूजल विभाग और संबंधित जिलों के जिला अधिकारी से कहा है कि विशेषज्ञों की टीम के साथ दौरा कर भूजल रिचार्ज करने के उपायों पर सख्ती से अमल करने के तौर तरीकों अपनाएं.