Swami Sivananda: जानिए पद्मश्री स्वामी शिवानंद की 125 साल उम्र का राज

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125 साल के स्वामी शिवानंद को पद्मश्री, जानें उनकी कहानी, लंबी उम्र का राज

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125 साल के स्वामी शिवानंद को पद्मश्री, जानें उनकी कहानी

योग गुरु स्वामी शिवानंद दुनिया के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले व्यक्ति को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है

126 साल के योग गुरु बाबा शिवानंद (Baba Sivananda) को पद्मश्री (Padmashree) से नवाजा गया है. उम्र के इस पढ़ाव में भी बाबा शिवानंद (Baba Sivananda) काफी सक्रिय हैं.

126 वर्षीय स्वामी शिवानंद ने पद्म पुरस्कार लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शाष्टांग प्रणाम किया। ऐसे में भावुक होकर उनके सम्मान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नतमस्तक हो गए।

सोमवार को पद्म पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया जिसमें देश में अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ करने वाले लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसी बीच एक ऐसे व्यक्ति को पद्म श्री पुरस्कार मिला, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।

जी हां, ये हैं 125 साल के स्वामी शिवानंद (Baba Sivananda)। उनके अलग अंदाज की देश-दुनिया में चर्चा हो रही है. स्वामी शिवानंद (Baba Sivananda)एक योग गुरु हैं, यानी वे योग सिखाते हैं। वे बहुत ही साधारण तरीके से राष्ट्रपति भवन में नंगे पांव आए और सबके आकर्षण का केंद्र बने.

स्वामी शिवानंद (Baba Sivananda) ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को नमन करते हुए सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर वायरल हो रही है. वहीं उनके विनम्र स्वभाव ने सोशल मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। वाराणसी के 125 वर्षीय योग साधक इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं।

स्वामी शिवानंद लंबा जीवन जीने के लिए रोजाना य़ोग करने के अलावा सेक्स और मसालों के सेवन दूर रहते हैं.

8 अगस्त, 1896 को बांग्लादेश के वर्तमान सिलहट जिले के हरिपुर गांव में जन्मे स्वामी शिवानंद (Baba Sivananda) पिछले कुछ दशकों से कबीर नगर, दुर्गाकुंड, वाराणसी में रह रहे हैं। सालों तक Baba Sivanand अपने माता-पिता और बहन के साथ कोलकाता में भीख मांगते रहे। उनके माता-पिता गरीबी और भुखमरी के कारण एक साथ मर गए।

उनकी जीवनशैली चौंकाने वाली और आम आदमी को हैरान करने वाली है। बाबा शिवानंद (Baba Sivanand) सोने के लिए गद्दे और तकिये का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे जमीन पर चटाई बिछाकर सोते हैं. स्वामी शिवानंद (Baba Sivanand), जो ब्रह्म मुहूर्त पर हर दिन 3 बजे उठकर, स्नान करने के बाद, भगवद गीता का बंगाली अनुवाद पढ़ते हैं और फिर नियमित रूप से योग करते हैं। वे तीन मिनट के लिए दिन में तीन बार सर्वांगासन करते हैं, जिसमें वे प्रत्येक सर्वांगासन के बाद एक मिनट के लिए सांस लेते हैं। इसके अलावा पवन मुक्तासन, योग मुद्रा, काकी मुद्रा आदि भी उनकी दिनचर्या में शामिल हैं।

Baba Sivananda की लंबी उम्र का राज क्या है?

स्वामी शिवानंद (Baba Sivananda) ने हमेशा कहा है कि वह बहुत सादा खाना खाते हैं जो तेल मुक्त और बिना मसाले वाला होता है। उन्हें चावल और उबली दाल खाना पसंद है। वे दूध या फल से भी परहेज करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह एक फैंसी भोजन है। 125 साल की उम्र में भी वह अभी भी फिट हैं।स्वामी खुद कहते हैं कि आज तक वे किसी डॉक्टर के पास नहीं गए और न ही कभी बीमार हुए। यह योग और सादा आहार और अनुशासन ही है जो उन्हें जीवन के इस पड़ाव पर ले आया है।

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