Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) Prarthana

namaste sada vatsale lyrics

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in Hindi, Punjabi, Telugu, Kannada, Gujarati, Malayalam, English

संघ का पूरा नाम है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। संघ के संस्थापक है डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार। डॉ. जी स्वातंत्र्य सेनानी थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र सेवा में ही समर्पित किया था। उन्होंने नागपुर में, 1925 में संघ प्रारंभ किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रार्थना हिंदी में | Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in Hindi

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रार्थना है। सम्पूर्ण प्रार्थना संस्कृत में है केवल इसकी अन्तिम पंक्ति (भारत माता की जय!) हिन्दी में है। इसे सर्वप्रथम २३ अप्रैल १९४० को पुणे के संघ शिक्षा वर्ग में गाया गया था। यादव राव जोशी ने इसे सुर प्रदान किया था। संघ की शाखा या अन्य कार्यक्रमों में इस प्रार्थना को अनिवार्यतः गाया जाता है और ध्वज के सम्मुख नमन किया जाता है।

।। प्रार्थना ।।

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोहम् ।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते ।।१।।

प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता
इमे सादरं त्वां नमामो वयम्
त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयं
शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये ।
अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिं
सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं
स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत् ।।२।।

समुत्कर्षनिःश्रेयस्यैकमुग्रं
परं साधनं नाम वीरव्रतम्
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा
हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्रानिशम् ।
विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्
विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम् ।
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं
समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम् ।।३।।
भारत माता की जय ।।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रार्थना अर्थ हिंदी में | Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana Meaning in Hindi

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे, त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्।

हे प्यार करने वाली मातृभूमि! मैं तुझे सदा (सदैव) नमस्कार करता हूँ। तूने मेरा सुख से पालन-पोषण किया है।

महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे, पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते॥ १॥

हे महामंगलमयी पुण्यभूमि! तेरे ही कार्य में मेरा यह शरीर अर्पण हो। मैं तुझे नमस्कार करता हूँ।

प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता, इमे सादरं त्वाम नमामो वयम्
त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयं, शुभामाशिषम देहि तत्पूर्तये।

हे सर्वशक्तिशाली परमेश्वर! हम हिन्दूराष्ट्र के अंगभूत तुझे आदरसहित प्रणाम करते हैं। तेरे ही कार्य के लिए हमने अपनी कमर कसी है। उसकी पूर्ति के लिए हमें अपना शुभाशीर्वाद दे।

अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम, सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्,
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं, स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत्॥ २॥

हे प्रभु! हमें ऐसी शक्ति दे, जिसे विश्व में कभी कोई चुनौती न दे सके, ऐसा शुद्ध चारित्र्य दे जिसके समक्ष सम्पूर्ण विश्व नतमस्तक हो जाये, ऐसा ज्ञान दे कि स्वयं के द्वारा स्वीकृत किया गया यह कंटकाकीर्ण मार्ग सुगम हो जाये।

‘समुत्कर्षनिःश्रेयसस्यैकमुग्रं, परं साधनं नाम वीरव्रतम्
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा, हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राऽनिशम्।

उग्र वीरव्रती की भावना हम में उत्स्फूर्त होती रहे जो उच्चतम आध्यात्मिक सुख एवं महानतम ऐहिक समृद्धि प्राप्त करने का एकमेव श्रेष्ठतम साधन है। तीव्र एवं अखंड ध्येयनिष्ठा हमारे अंतःकरणों में सदैव जागती रहे।

विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्, विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्।
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं, समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्॥ ३॥ ॥ भारत माता की जय॥

तेरी कृपा से हमारी यह विजयशालिनी संघठित कार्यशक्ति हमारे धर्म का सरंक्षण कर इस राष्ट्र को वैभव के उच्चतम शिखर पर पहुँचाने में समर्थ हो। भारत माता की जय !

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in Telugu 

నమస్తే సదా వత్సలే మాతృభూమే
త్వయా హిన్దుభూమే సుఖం వర్ధితోహమ్
మహామఙ్గలే పుణ్యభూమే త్వదర్థే
పతత్వేష కాయో నమస్తే నమస్తే

ప్రభో శక్తిమన్‌ హిన్దురాష్ట్రాఙ్గభూతా
ఇమే సాదరం త్వాం నమామో వయమ్
త్వదీయాయ కార్యాయ బధ్దా కటీయం
శుభామాశిషం దేహి తత్పూర్తయే
అజయ్యాం చ విశ్వస్య దేహీశ శక్తిం
సుశీలం జగద్యేన నమ్రం భవేత్
శ్రుతం చైవ యత్కణ్టకాకీర్ణ మార్గం
స్వయం స్వీకృతం నః సుగం కారయేత్

సముత్కర్షనిఃశ్రేయస్యైకముగ్రం
పరం సాధనం నామ వీరవ్రతమ్
తదన్తః స్ఫురత్వక్షయా ధ్యేయనిష్ఠా
హృదన్తః ప్రజాగర్తు తీవ్రానిశమ్‌
విజేత్రీ చ నః సంహతా కార్యశక్తిర్
విధాయాస్య ధర్మస్య సంరక్షణమ్‌
పరం వైభవం నేతుమేతత్‌ స్వరాష్ట్రం
సమర్థా భవత్వాశిశా తే భృశమ్
భారత మాతా కీ జయ

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in Kannada

ನಮಸ್ತೇ ಸದಾ ವತ್ಸಲೇ ಮಾತೃಭೂಮೇ
ತ್ವಯಾ ಹಿನ್ದುಭೂಮೇ ಸುಖಂ ವರ್ಧಿತೋಹಮ್
ಮಹಾಮಙ್ಗಲೇ ಪುಣ್ಯಭೂಮೇ ತ್ವದರ್ಥೇ
ಪತತ್ವೇಷ ಕಾಯೋ ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ

ಪ್ರಭೋ ಶಕ್ತಿಮನ್‌ ಹಿನ್ದುರಾಷ್ಟ್ರಾಙ್ಗಭೂತಾ
ಇಮೇ ಸಾದರಂ ತ್ವಾಂ ನಮಾಮೋ ವಯಮ್
ತ್ವದೀಯಾಯ ಕಾರ್ಯಾಯ ಬಧ್ದಾ ಕಟೀಯಂ
ಶುಭಾಮಾಶಿಷಂ ದೇಹಿ ತತ್ಪೂರ್ತಯೇ
ಅಜಯ್ಯಾಂ ಚ ವಿಶ್ವಸ್ಯ ದೇಹೀಶ ಶಕ್ತಿಂ
ಸುಶೀಲಂ ಜಗದ್ಯೇನ ನಮ್ರಂ ಭವೇತ್
ಶ್ರುತಂ ಚೈವ ಯತ್ಕಣ್ಟಕಾಕೀರ್ಣ ಮಾರ್ಗಂ
ಸ್ವಯಂ ಸ್ವೀಕೃತಂ ನಃ ಸುಗಂ ಕಾರಯೇತ್

ಸಮುತ್ಕರ್ಷನಿಃಶ್ರೇಯಸ್ಯೈಕಮುಗ್ರಂ
ಪರಂ ಸಾಧನಂ ನಾಮ ವೀರವ್ರತಮ್
ತದನ್ತಃ ಸ್ಫುರತ್ವಕ್ಷಯಾ ಧ್ಯೇಯನಿಷ್ಠಾ
ಹೃದನ್ತಃ ಪ್ರಜಾಗರ್ತು ತೀವ್ರಾನಿಶಮ್‌
ವಿಜೇತ್ರೀ ಚ ನಃ ಸಂಹತಾ ಕಾರ್ಯಶಕ್ತಿರ್
ವಿಧಾಯಾಸ್ಯ ಧರ್ಮಸ್ಯ ಸಂರಕ್ಷಣಮ್‌
ಪರಂ ವೈಭವಂ ನೇತುಮೇತತ್‌ ಸ್ವರಾಷ್ಟ್ರಂ
ಸಮರ್ಥಾ ಭವತ್ವಾಶಿಶಾ ತೇ ಭೃಶಮ್
ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜಯ

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in Gujarati

નમસ્તે સદા વત્સલે માતૃભૂમે
ત્વયા હિન્દુભૂમે સુખં વર્ધિતોહમ્
મહામઙ્ગલે પુણ્યભૂમે ત્વદર્થે
પતત્વેષ કાયો નમસ્તે નમસ્તે

પ્રભો શક્તિમન્‌ હિન્દુરાષ્ટ્રાઙ્ગભૂતા
ઇમે સાદરં ત્વાં નમામો વયમ્
ત્વદીયાય કાર્યાય બધ્દા કટીયં
શુભામાશિષં દેહિ તત્પૂર્તયે
અજય્યાં ચ વિશ્વસ્ય દેહીશ શક્તિં
સુશીલં જગદ્યેન નમ્રં ભવેત્
શ્રુતં ચૈવ યત્કણ્ટકાકીર્ણ માર્ગં
સ્વયં સ્વીકૃતં નઃ સુગં કારયેત્

સમુત્કર્ષનિઃશ્રેયસ્યૈકમુગ્રં
પરં સાધનં નામ વીરવ્રતમ્
તદન્તઃ સ્ફુરત્વક્ષયા ધ્યેયનિષ્ઠા
હૃદન્તઃ પ્રજાગર્તુ તીવ્રાનિશમ્‌
વિજેત્રી ચ નઃ સંહતા કાર્યશક્તિર્
વિધાયાસ્ય ધર્મસ્ય સંરક્ષણમ્‌
પરં વૈભવં નેતુમેતત્‌ સ્વરાષ્ટ્રં
સમર્થા ભવત્વાશિશા તે ભૃશમ્
ભારત માતા કી જય

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in Malayalam

നമസ്തേ സദാ വത്സലേ മാതൃഭൂമേ
ത്വയാ ഹിന്ദുഭൂമേ സുഖം വര്ധിതോഹമ്
മഹാമങ്ഗലേ പുണ്യഭൂമേ ത്വദര്ഥേ
പതത്വേഷ കായോ നമസ്തേ നമസ്തേ

പ്രഭോ ശക്തിമന്‌ ഹിന്ദുരാഷ്ട്രാങ്ഗഭൂതാ
ഇമേ സാദരം ത്വാം നമാമോ വയമ്
ത്വദീയായ കാര്യായ ബധ്ദാ കടീയം
ശുഭാമാശിഷം ദേഹി തത്പൂര്തയേ
അജയ്യാം ച വിശ്വസ്യ ദേഹീശ ശക്തിം
സുശീലം ജഗദ്യേന നമ്രം ഭവേത്
ശ്രുതം ചൈവ യത്കണ്ടകാകീര്ണ മാര്ഗം
സ്വയം സ്വീകൃതം നഃ സുഗം കാരയേത്

സമുത്കര്ഷനിഃശ്രേയസ്യൈകമുഗ്രം
പരം സാധനം നാമ വീരവ്രതമ്
തദന്തഃ സ്ഫുരത്വക്ഷയാ ധ്യേയനിഷ്ഠാ
ഹൃദന്തഃ പ്രജാഗര്തു തീവ്രാനിശമ്‌
വിജേത്രീ ച നഃ സംഹതാ കാര്യശക്തിര്
വിധായാസ്യ ധര്മസ്യ സംരക്ഷണമ്‌
പരം വൈഭവം നേതുമേതത്‌ സ്വരാഷ്ട്രം
സമര്ഥാ ഭവത്വാശിശാ തേ ഭൃശമ്
ഭാരത മാതാ കീ ജയ

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in Tamil:

வணக்கம் சதா வத்சலே மாத்ருபூமே
த்வயா ஹிந்துபூமே மகிழ்ச்சி அதிகரித்தது.
மஹாமங்গலே புண்யভூமே த்வদர்தே
பட்வேஷ காயோ நமஸ்தே நமஸ்தே.
ப்ரபோ ஶக்திமான் ஹிந்து ராஷ்ட்ராங்பூதா
இமே சரம் த்வாந் நமமோ வயம்
சரும பராமரிப்பு
உடலில் நல்ல அதிர்ஷ்டம்.
அஜயந் ச விஶ்வஸ்ய தேஹிஷ் ஶக்தி
ஸுஶிலம் ஜগদ்யேந் நம்ரம் ভவேத்
ஶ்ருதம் சைவ யத்கண்டகர்ண மார்க்கம்
சுய-அங்கீகரிக்கப்பட்ட நஹ் சுகன் காரயேத்..2.

ஸமுத்கர்ஷ்ணிঃஶ்ரேயஸ்யக்முগ்ராந்
பரம் சாதனம் நாம் வீரவ்ரதம்
பின்னர் உற்சாகம்
ஹৃদாந்தঃ ப்ரஜாகர்து தேதாநிஶம் ।
விஜேத்ரி ச ந சம்ஹதா வேலை சக்தி
விধ்யஸ்ய ধர்மஸ்ய ரக்ஷணம் ।
பரம் வைபவம் நெடுமேத் ஸ்வராஷ்ரம்
ஸமர்தா பவத்வஶிஷா தே ভৃஶம் ।।3।
வாழ்க பாரத அன்னை..

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in Punjabi :

ਨਮਸ੍ਤੇ ਸਦਾ ਵਤ੍ਸਲੇ ਮਾਤ੍ਰਭੂਮੇ ॥
ਤ੍ਵਯਾ ਹਿੰਦੂਭੂਮੇ ਸੁਖ ਵਧਾਇਆ ॥
ਮਹਾਮਙ੍ਗਲੇ ਪੁਣ੍ਯਭੂਮੇ ਤ੍ਵਦਰ੍ਥੇ ॥
ਪਤ੍ਵੇਸ਼ ਕਯੋ ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ॥
ਪ੍ਰਭੋ ਸ਼ਕਤੀਮਾਨ ਹਿੰਦੂ ਰਾਸ਼ਟਰਾਂਗਭੂਤਾ
ਇਮੇ ਸਰਮ ਤ੍ਵਂ ਨਮਾਮੋ ਵਯਮ੍ ॥
ਤਵਚਾ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ
ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਚੰਗੀ ਕਿਸਮਤ।
ਅਜਾਯਂ ਚ ਵਿਸ਼੍ਵਸ੍ਯ ਦੇਹਿਸ਼੍ਚ ਸ਼ਕ੍ਤਿਃ ॥
ਸੁਸ਼ੀਲਮ੍ ਜਗਦਯੇਨ ਨਾਮਰਾਮ ਭਵੇਤ੍ ॥
ਸ਼੍ਰੁਤਮ੍ ਚੈਵ ਯਤ੍ਕਾਨ੍ਤਕਰ੍ਣਮਾਰ੍ਗਮ੍
ਆਪੇ ਪ੍ਰਵਾਨ ਨਹਿ ਸੁਗਨ ਕਰਾਏਤ।।2।

ਸਮੁਤ੍ਕਰਸ਼੍ਣਿਹਸ਼੍ਰੇਯਸ੍ਯਕਮੁਗ੍ਰਂ
ਪਰਮ ਸਾਧਨੰ ਨਾਮ ਵੀਰਵ੍ਰਤੰ
ਫਿਰ ਉਤਸ਼ਾਹ
ਹ੍ਰੀਂਦਨ੍ਤਃ ਪ੍ਰਜਾਗਰ੍ਤੁ ਤਤ੍ਤਿਸ਼ਮ੍ ॥
ਵਿਜੇਤ੍ਰੀ ਚ ਨ ਸਮਹਤਾ ਕਾਰਜ ਸ਼ਕਤੀ
ਵਿਦ੍ਯਾਸ੍ਯ ਧਰ੍ਮਸ੍ਯ ਰਕ੍ਸ਼ਣਾਮ੍ ।
ਪਰਮ ਵੈਭਵਮ੍ ਨੇਤੁਮੇਤ ਸ੍ਵਰਾਸ਼੍ਰਮ ॥
ਸਮਰ੍ਥਂ ਭਵਤ੍ਵਸ਼ੀਸ਼ਾ ਤਂ ਭਰਿਸ਼ਮ੍।।3।।
ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਦੀ ਜੈ ।।

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-Prarthana in English :

namaste sadā vatsale mātṛbhūme
tvayā hindubhūme sukhaṁ vardhitoham
mahāmaṅgale puṇyabhūme tvadarthe
patatveṣa kāyo namaste namaste ||

prabho śaktiman hindurāṣṭrāṅgabhūtā
ime sādaraṁ tvāṁ namāmo vayam
tvadīyāya kāryāya badhdā kaṭīyaṁ
śubhāmāśiṣaṁ dehi tatpūrtaye
ajayyāṁ ca viśvasya dehīśa śaktiṁ
suśīlaṁ jagadyena namraṁ bhavet
śrutaṁ caiva yatkaṇṭakākīrṇa mārgaṁ
svayaṁ svīkṛtaṁ naḥ sugaṁ kārayet ||

samutkarṣaniḥśreyasyaikamugraṁ
paraṁ sādhanaṁ nāma vīravratam
tadantaḥ sphuratvakṣayā dhyeyaniṣṭhā
hṛdantaḥ prajāgartu tīvrāniśam
vijetrī ca naḥ saṁhatā kāryaśaktir
vidhāyāsya dharmasya saṁrakṣaṇam
paraṁ vaibhavaṁ netumetat svarāṣṭraṁ
samarthā bhavatvāśiśā te bhṛśam ||
bhārata mātā kī jaya

संघ की प्रार्थना की रचना व प्रारूप सर्वप्रथम फरवरी 1939 में नागपुर के पास सिन्दी में हुई बैठक में तैयार किया गया। प्रार्थना बैठक में संघ के आद्य सरसंघचालक डाॅक्टर केशव बलिराम हेडगेवार, श्री गुरूजी, बाबा साहब आपटे, बालासाहब देवरस, अप्पाजी जोशी व श्री नानासाहब टालाटुले जैसे प्रमुख लोग सहभागी थे। प्रारम्भ में प्रार्थना आधी मराठी व आधी हिन्दी भाषा में बनी परन्तु सारे देश में एक स्वरूप एवं एक भाषा में प्रार्थना हो, ऐसा विचार करके देश की सर्वमान्य संस्कृत भाषा में इसका अनुवाद किया गया एवं संशोधित किया गया। प्रार्थना के अन्त में ‘भारत माता की जय’ हिन्दी में रखा गया।

 

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